महिलाओं का व्यवसाय, नौकरियों और राजनीति जैसे क्षेत्र में प्रतिनिधित्व आज भी बेहद कम है। घर परिवार से लेकर दफ्तर और व्यवसाय तक की अच्छी समझ रखने और फैसले लेने में साहस दिखाने के बावजूद महिलाओं की ये स्थिति कई बार सोचने पर मजबूर कर देती है। लेकिन, महज सोचने से तो काम नहीं बनता। ज़रुरत होती है इस खाई को कम करने की। राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं की दिन प्रतिदिन बढ़ती सक्रियता इसी बात का उदाहरण है। देश में हुए पहले लोक सभा चुनाव में जहां सदन में चुनकर 5 प्रतिशत महिला सांसद पहुंची थी वहीं साल 2019 में उनकी संख्या 14.3 प्रतिशत हो गयी। बदलाव की ये बयार अब पूर्वोत्तर के सुदूर राज्यों तक पहुंच चुकी है। पूर्वोत्तर के राज्य नगालैंड को 60 साल बाद उसकी पहली महिला विधायक मिली है। हम बात कर रहे हैं नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की हेकानी जखालू की। जखालू नगालैंड विधानसभा के लिए चुनी जाने वाली पहली महिला बन गयी हैं। राज्य में इस साल हुए विधान सभा चुनावों में चार महिलाओं ने चुनाव लड़ा था जिसमें से जखालू ने जीत दर्ज की। आइये आज आपको बताते हैं इन्हीं नवनिर्वाचित विधायक के बारे में। आज की कहानी 48 वर्षीय हेकानी जखालू की।
नगालैंड की पहली महिला विधायक
क्या कोई सोच सकता है कि नगालैंड में आज तक कोई महिला विधायक नहीं चुनी गई थी। साल 1963 से, जब से नगालैंड राज्य बना तब से आज तक राज्य की विधानसभा में कोई महिला सदस्य के रूप में क़दम नहीं रख पाई लेकिन इसे बदल डाला है हेकानी जखालू ने। हेकानी जखालू उन दो महिलाओं में से पहली हैं जिन्होंने साल 2023 के विधानसभा चुनाव में अपनी जीत दर्ज कराई। उनके अलावा पश्चिमी अंगामी सीट से सलहुतू क्रूसो भी चुनाव जीतने में सफल रहीं। चखालू ने दीमापुर तृतीय विधान सभा क्षेत्र से अपनी प्रतिद्वंदी अजेतो जिमोमी को 1536 वोटों से मात दिया है। ख़ास बात ये भी है कि उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत केवल सात महीने पहले की थी।
विदेश से हासिल की उच्च शिक्षा
हेकानी जखालू नगा जनजाति से आती हैं। साल 1976 में नगालैंड के दीमापुर के तोलुवी गांव में जन्मीं जखालू की प्रारंभिक शिक्षा नगालैंड में ही हुई। बिशप कॉटन गर्ल्स स्कूल से अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की। राजनीति विज्ञान में स्नातक कर लेने के बाद हेकानी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से ही बैचलर ऑफ लॉ की डिग्री प्राप्त की। आगे की पढ़ाई के लिए हेकानी जखालू अमेरिका गयी। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ सैन फ्रान्सिस्को से मास्टर्स किया है।
नगालैंड की समस्याओं पर काम
जखालू पेशे से वकील हैं लेकिन उन्होंने अपनी वकालत का इस्तेमाल पैसे कमाने से ज्यादा लोगों की मदद करने में किया है। साल 2006 में जब वो अपनी पढ़ाई पूरी कर भारत वापस आयी तो उन्होंने दिल्ली में ही एक लॉ फर्म की स्थापना की। इस दौरान उन्होंने देखा कि नगालैंड से कई युवा काम और पढ़ाई की तलाश में दिल्ली आते हैं। अपने राज्य से होने वाले इस प्रतिभा पलायन को रोकने के लिए उन्होंने फैसला लिया कि वो वापस नगालैंड जाएंगी और वहीं काम करेंगी। इसी के बाद उन्होंने 17 साल पहले युवाओं की मदद के लिए एक गैर सरकारी संगठन की स्थापना की थी। यूथनेट नाम की ये गैर सरकारी संस्था राज्य के युवाओं के साथ मिलकर काम करती है। संस्था के माध्यम से युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किये जाते हैं। हेकानी जखालू अलग अलग क्षेत्र में कौशल विकास के कार्य संचालित कर अब तक 1 लाख 20 हजार युवाओं को नौकरियां दिलवा चुकी हैं। राज्य की युवा शक्ति को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से ही हेकानी ने राजनीति में आने का फैसला लिया। एनजीओ के माध्यम से वो ये समझ चुकी हैं कि युवाओं को क्या और कैसे चाहिए। यही वजह रही कि उन्हें ये महसूस हुआ कि नीति निर्माण में शामिल हुए बिना युवा शक्ति के लिए बड़े फ़ैसले लेना संभव नहीं है। हेकानी जखालू महिलाओं के हक के लिए भी लड़ती आयी हैं। एक महिला विधायक के तौर पर वो मानती हैं कि उनकी ये लड़ाई और आगे बढ़ेगी।
मेड इन नगालैंड की स्थापना
जखालू ने अपने गैर सरकारी संगठन को आगे बढ़ाते हुए नगालैंड के कोहिमा में एक आर्टिजन स्टोर की स्थापना की। इस स्टोर को उन्होंने नाम दिया मेड इन नगालैंड। इस स्टोर में स्थानीय युवा कलाकारों की कलाकृतियां बेचने के लिए रखी जाती हैं। इसके बाद हेकानी जखालू ने इसे और बढ़ाते हुए ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी स्थापित किया। साल 2020 से ये आर्टिजन स्टोर ऑनलाइन भी लोगों के लिए खुल चुका है।
झोली में कई पुरस्कार
हेकानी जखालू अपने इन कार्यों के लिए कई बार सम्मानित भी हो चुकी हैं। उन्हें अब तक का सबसे बड़ा सम्मान नारी शक्ति पुरस्कार के रूप में मिला है। साल 2018 में हेकानी को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस सम्मान से नवाज़ा था। महिला और बाल विकास मंत्रालय की ओर से मिलने वाले इस सम्मान को पाने वाली पूर्वोत्तर राज्य की वो पहली महिला है।
हम उम्मीद करते हैं कि हेकानी जखालू एक विधायक के तौर पर अपने इन सामाजिक कार्यों को और आगे बढ़ाएंगी। साथ ही राज्य के युवाओं के लिए और अवसर राज्य में ही उपलब्ध करवाएंगी।
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