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बंदे में है दम

ज्ञान का ‘प्रकाश’

समाज में बदलाव का आधार शिक्षा ही है। अगर हर बच्चे को अच्छी और सही शिक्षा मिल जाए तो ना केवल उस बच्चे और उसके परिवार का भविष्य सुधर जाएगा बल्कि समाज में भी परिवर्तन आएगा। शिक्षा के लिए समाज के हर शख़्स का योगदान इसमें बड़ी भूमिका अदा कर सकता है। इंडिया स्टोरी प्रोजेक्ट पर आज की कहानी एक ऐसी ही शख़्स की है जो पेशे से तो शिक्षक नहीं है लेकिन शिक्षा की मशाल लेकर मिशन में जुटा है। इस शख़्स का नाम है प्रकाश घोष।

कोलकाता की सड़क पर शिक्षा

प्रकाश घोष इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। जो भी उनके बारे में पढ़ और जान रहा है वो उनकी तारीफ़ों के पुल बांध रहा है। दरअसल प्रकाश कोलकाता पुलिस में सार्जेंट हैं। कोलकाता की सड़क पर ट्रैफ़िक की व्यवस्था संभालते हैं। लेकिन हाल ही में उनकी वर्दी पहने सड़क के किनारे एक बच्चे को पढ़ाने की तस्वीर वायरल हुई। ये तस्वीर बैलीगंज आईटीआई के पास के चौराहे की है। प्रकाश पुलिस की व्यस्त नौकरी और ट्रैफ़िक व्यवस्था संभालने की बड़ी चुनौती के साथ-साथ एक ग़रीब बच्चे को शिक्षा की रोशनी से रोशन करने में जुटे हैं।

मां की फ़रियाद सुन कर लिया संकल्प

सार्जेट प्रकाश घोष एक क़ानून पसंद पुलिस वाले के साथ-साथ इंसानियत से भरा दिल भी रखते हैं। बैलीगंज में जहां उनकी ड्यूटी लगती है, वहीं पास में ही एक महिला खाने का स्टॉल लगाती है। अक्सर वो महिला प्रकाश से बात किया करती थी। कई बार वो अपने साथ अपने आठ साल के बेटे को भी साथ लाती थी। वो महिला जैसे-तैसे अपने बेटे का पालन-पोषण कर रही थी और अपने बेटे को एक सरकारी स्कूल में पढ़ा रही थी।

महिला हमेशा प्रकाश से अपने बेटे की पढ़ाई को लेकर चिंता जताती रहती थी। ऐसे में प्रकाश भी उस बच्चे से बात किया करते थे। प्रकाश को भी लगा कि बच्चे को उनकी ज़रूरत है। ऐसे में उन्होंने क्लास तीन में पढ़ने वाले बच्चे को पढ़ाने की ज़िम्मेदारी ले ली। अब सार्जेंट प्रकाश इस बच्चे को सड़क किनारे ही पढ़ाने लगे।

कोलकाता पुलिस ने की तारीफ़ 

प्रकाश को सड़क किनारे बच्चे को पढ़ाने की उनकी तस्वीर के साथ एक न्यूज़ रिपोर्ट जब छपी तो लोगों को उनके बारे में पता चला। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने भी प्रकाश की तस्वीर ट्वीट करते हुए पुलिस ड्यूटी के साथ सोशल ड्यूटी निभाने की तारीफ़ की। मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रघुनाथगंज के रहने वाले प्रकाश ना केवल पुलिसकर्मियों को बल्कि समाज के हर शख़्स को ये सीख दे रहे हैं कि अगर वो चाहें तो इन छोटे-छोटे बदलाव और छोटी कोशिशों से बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।