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बदलाव के क़दम

दार्जिलिंग की नई पहचान साक्षी

केवल 23 साल की छोटी सी उम्र में उसने आसमान को अपनी मुट्ठी में कर लिया है। ना केवल अपने सपनों को पूरा किया बल्कि हज़ारों बच्चियों को सपने देखने और उन्हें पूरा करने का हौसला भी दिया है। इंडिया स्टोरी प्रोजेक्ट में आज की कहानी है साक्षी प्रधान की। दार्जिलिंग का नाम लेते ही, बर्फ़ से ढंके पहाड़, ख़ूबसूरत वादियां और पहाड़ों के बीच चलती टॉय ट्रेन की तस्वीरें सामने आ जाती हैं। चाय के बागानों की हरियाली और चाय की फ़ैक्ट्री से निकलने वाली सौंधी ख़ुशबू हर किसी को अपनी तरफ़ लुभाती है। बादलों के बीच बसे इस शहर की सुंदरता सालों से सैलानियों को आकर्षित करती रही है। पश्चिम बंगाल का ये शहर अपनी ख़ूबसूरती के अलावा विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है। दार्जिलिंग की इस ख़ूबसूरती को चार चांद लगाने का काम किया है साक्षी प्रधान ने।

साक्षी दार्जिलिंग की पहली महिला पायलट
साक्षी आज दार्जिलिंग की नई पहचान बन गई हैं। वो इस ख़ूबसूरत शहर की पहली महिला हैं जो कमर्शियल पायलट बनी हैं। साक्षी का जन्म 10 मई 2000 को रुकेश मणि प्रधान और वंदना के घर में हुआ। बचपन दार्जिलिंग की वादियों में ही बीता। लिम्बुगांव के एक स्कूल से उनकी पढ़ाई हुई। बचपन से ही हर बच्चे की तरह उन्हें भी हवाई जहाज़ बहुत आकर्षित करते थे। वो भी एक दिन ना केवल हवाई जहाज़ में बैठने का सपना देखती थी बल्कि उसे उड़ाना भी चाहती थी। विज्ञान में अच्छी होने की वजह से आगे की पढ़ाई उन्होंने सिलीगुड़ी से पूरी की।

सपनों को पाने की ललक
आम तौर पर बच्चे बड़े होते जाते हैं और उनके बचपन के सपने पीछे छूट जाते हैं लेकिन साक्षी के साथ ऐसा नहीं हुआ। जैसे-जैसे वो बड़ी होती गईं, अपने सपने को पूरा करने की ज़िद बढ़ती गई। पायलट बनने के लिए उन्होंने विज्ञान के विषयों की अच्छे से पढ़ाई की। इसके साथ ही उन्होंने पायलट की ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन कोर्स की भी पूरी जानकारी ले ली। उन्होंने साल 2019 में इंडिगो कैडेट पायलट ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए आवेदन किया। अच्छी बात ये हुई कि साक्षी का इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए चयन हो गया। उन्हें ट्रेनिंग के बाद दिल्ली के स्काईबोर्न एविएशन लिमिटेड से व्यावसायिक पायलट लाइसेंस हासिल हो गया। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के एरिजोना और उत्तराखंड के पतंनगर में ट्रेनिंग पूरी की। भारतीय कमर्शियल पायलट लाइसेंस हासिल करने के बाद उन्होंने यूएई के एतिहाद एयरवेज़ में एयरबस A-320 की उड़ान की ट्रेनिंग ली।

बड़ी एयरलाइंस में नौकरी
तमाम पायलट ट्रेनिंग के बाद अब वो देश की बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो में जूनियर फर्स्ट ऑफ़िसर के पद पर तैनात हैं। हाल ही में उन्होंने ग्रेजुएशन प्रोग्राम में सम्मानित किया गया। नियमित उड़ान उनके फ्लाइंग ऑवर्स में इज़ाफ़ा कर रहे हैं। हर उड़ान उनके लिए नया अऩुभव होती है। वो दिन दूर नहीं जब वो जूनियर फर्स्ट ऑफिसर से प्रमोट हो कर फर्स्ट ऑफ़िसर और सीनियर फर्स्ट ऑफ़िसर बन जाएंगी।

साक्षी की सफलता ने साबित कर दिया है कि अगर इंसान अपने सपनों को पूरा करने के लिए जी-जान से जुट जाए तो आसमान भी मुट्ठी में क़ैद हो सकता है।