वो वर्जनाएं तोड़ने वाली हैं। उन्होंने दायरों में बंधना स्वीकार नहीं किया। वो ना केवल सामाजिक और मानसिक बेड़ियों को तोड़ने वाली हैं बल्कि एक मक़ाम बना कर नारी...
वो वर्जनाएं तोड़ने वाली हैं। उन्होंने दायरों में बंधना स्वीकार नहीं किया। वो ना केवल सामाजिक और मानसिक बेड़ियों को तोड़ने वाली हैं बल्कि एक मक़ाम बना कर नारी...