आप सपने देखते हैं, फ़िर आप उन सपनों को पूरा करने के लिए जी-जान एक कर देते हैं। राह में कितनी भी मुश्किलें आएं, उन सपनों को पूरा करने की इच्छा, इन मुश्किलों को पार कर जाती है। कुछ ऐसा ही सपना देखने और पूरा करने वाली युवा शख़्सियत हैं कनिका टेकरीवाल। आज इंडिया स्टोरी प्रोजेक्ट पर कहानी कनिका के उन्हीं सपनों और उसे पूरा करने के उनके हौसले की।
बिजनेस वुमनिया
कनिका टेकरीवाल जेटसेटगो की फाउंडर और सीईओ हैं। केवल 22 साल की उम्र में उन्होंने अपनी एविएशन बेस्ट स्टार्ट अप कंपनी की नींव रखी थी और सिर्फ़ 10 साल बाद उनकी कंपनी 10 प्राइवेट विमानों की मालिक है। अगले कुछ सालों में वो और 25 विमानों की ख़रीद की तैयारी कर रही हैं। वो एक कामयाब बिजनेसवुमन हैं। उन्होंने भारत की पहली प्लेन एग्रीगेटर कंपनी की शुरुआत की है। ये कंपनी लोगों को प्राइवेट प्लेन, एयर एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर मुहैया कराने का प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाती है।
कैंसर को हरा कर नई शुरुआत
कनिका के एक कामयाब बिजनेस वुमन बनने के पीछे उनके सपने और संघर्ष की मजबूत कहानी है। एक मारवाड़ी परिवार में जन्मी कनिका की शुरुआती पढ़ाई एक बोर्डिंग स्कूल में हुई। पिता रियल एस्टेट और केमिकल के कारोबार से जुड़े हैं। बचपन में वो पायलट बनना चाहती थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पहले तो उन्होंने विजुअल कम्यूनिकेशन में डिप्लोमा किया, फिर इकॉनोमिक्स से ग्रेजुएशन के बाद एमबीए किया। इसी दौरान उन्हें चार्टर विमानों की बुकिंग को लेकर कई अनुभव हुए। उन्हें ये महसूस हुआ कि प्राइवेट प्लेन को लेकर मार्केट बहुत अन ऑर्गनाइज़ है। चार्टर प्लेन की बुकिंग कराने के लिए लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। दलालों को मोटा कमीशन देना पड़ता है। इसी से उन्हें एक नए स्टार्ट अप का आइडिया आया। ये आइडिया था देश के पहले प्राइवेट प्लेन एग्रीगेटर का। ये साल था 2011 और कनिका 21 साल की थी। उन्होंने अपने आइडिया पर काम शुरू ही किया था कि उनकी ज़िंदगी ने एक बड़ा मोड़ ले लिया। इतनी छोटी सी उम्र में वो कैंसर जैसी ख़तरनाक बीमारी की चपेट में आ गईं। कनिका ना टूटने वाली थी ना हारने वाली। लंबे इलाज के बाद कनिका ने ना सिर्फ़ कैंसर को हराया बल्कि अपने नये सपने को पंख देने में जुट गईं।
साल 2012 में उन्होंने अपनी कंपनी जेटसेटगो की शुरुआत कर दी। ये कंपनी इलेक्ट्रिकल वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग एयरक्राफ्ट के साथ मैदान में उतरी थी जिससे देश में इंट्रा सिटी एयर टैक्सी कनेक्टिविटी की नई शुरुआत हो गई। कंपनी ने कम समय में अपना मक़ाम बना लिया। कनिका को उनके स्टार्ट अप के लिए केंद्र सरकार की तरफ़ से सम्मानित भी किया गया। कोरोना के दौरान प्राइवेट प्लेन को लेकर लोगों की सोच में आए बदलाव ने कंपनी को फ़ायदा पहुंचाया। आज के समय कनिका की कंपनी का टर्नओवर 150 करोड़ से ज़्यादा है।
कम समय में बड़ी कामयाबी
कनिका के इस स्टार्ट अप ने देश में एयर टैक्सी सर्विस के क्षेत्र में बड़ा क़दम रख दिया। उनकी कामयाबी का डंका जल्द ही सुनाई देने लगा। दुनिया की प्रतिष्ठित पत्रिका फोर्ब्स ने रिटेल और ईकॉमर्स के क्षेत्र में कनिका को 30 अंडर 30 में जगह दी। इसके अलावा बीबीसी और सीएनएन ने भी प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया है। उम्मीद है कि कनिका की ये उड़ान और ऊंचे आसमान हासिल करेगी।
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